जयपुर. प्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमण के चलते लॉक डाउन का चौदहवां दिन है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण 22 जिलों तक फैल चुका है। एक तरफ लॉक डाउन के खत्म होने की अवधि खत्म होने को आ रही है। वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। मंगलवार दोपहर तक यह आंकड़ां 328 तक पहुंच गया। अकेले राजधानी जयपुर में संक्रमितों का यह आंकड़ा 105 हो गया है। इसके चलते जयपुर के परकोटा क्षेत्र को पूरी तरह से सीलबंद कर दिया गया है। 10 थाना क्षेत्रों में चिन्हित स्थानों पर कर्फ्यू लगा है।
इसी बीच मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक बड़ा बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि राजस्थान में राजस्थान में करीब 40 जगहों पर कर्फ्यू लगा हुआ है। अगर ऐसे में लॉक डाउन खुला भी तो एक साथ नहीं खुलने वाला है। चाहे भीलवाड़ा या फिर कोई और जगह हो। क्योंकि हमें इसको चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। यह निर्णय की घड़ी आने वाली है। लेकिन अभी नहीं आई है। ऐसे में सरकार जो भी फैसला लेंगी। सोच समझकर ही लेंगी।
हम तत्काल ऐसा कोई स्टेप नहीं उठा सकते है जिससे किसी का जीवन खतरे में पड़ जाए
गहलोत ने कहा कि मेरा मानना है कि जीवन बचाना बहुत आवश्यक है। इसके लिए हमें बहुत गंभीरता से सोचना पड़ेगा। लेकिन आज स्थिति ऐसी नहीं है कि लॉक डाउन को वापस ले लिया जाए। इसे विड्रा नहीं कर सकते। करना पड़ा तो फेलियर में करना पड़ेगा। ऐसा मेरा कॉमनसेंस कहता है। सीएम गहलोत ने कहा कि मैं समझता हूं कि 21 दिन बहुत ज्यादा होते है कि पब्लिक को आप घरों में रखें। लॉक डाउन में सारे व्यक्ति, सभी उद्योग धंधे बंद हो गए है। आर्थिक रुप से हम किस दिशा में जा रहे है आप सोच सकते है। पूरा मुल्क चिंतित है। आम जनता चिंतित है। परंतु जिंदगी और जीवन बचाना भी बहुत आवश्यक है। इसलिए मेरा मानना है कि हम तत्काल ऐसा कोई स्टेप नहीं उठा सकते है जिससे किसी का जीवन खतरे में पड़ जाए।
पीएम से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के बाद दो टास्क फोर्स बनाई, रिपोर्ट पर आने पर देखेंगे आगे क्या करना है
सीएम गहलोत ने कहा कि हमने दो टासक फोर्स बनाई है। गहलोत ने आगे कहा कि जब पीएम के साथ वीसी हुई थी जब यह सामने आई थी कि राज्यों की क्या भूमिका है या क्या राय है लॉक डाउन को लेकर। ऐसे में राजस्थान सरकार ने दो टॉस्क बनाई।
इनमें एक टास्क फोर्स को यह काम सौंपा कि लॉक डाउन कब और कैसे खुले और दूसरी टास्क फोर्स को आर्थिक व्यवस्था को दोबारा कैसे पटरी पर लाया जा सके। दोनों बातों को लेकर यह टास्क फोर्स बनाई है। इनमें एक पूर्व फाइनेंस सेकेट्ररी रहे आईएएस अधिकारी है और दूसरे एसीएस होम की अध्यक्षता में यह कमेटी रिपोर्ट तैयार कर रही है। उनकी रिपोर्ट किस रुप में आती है। उसी के आधार पर हम आगे बढ़ेंगे।